भंवरा फूल पर बैठा था, रस पाने की चाह में !
फूल ने उसका स्वागत किया, ले लिया अपनी बाहं में !
हमने तो चाहा दूर से, बस फूल की खुशबु लेना !
पर फूल को ये मंजूर न था, और कांटा चुभ गया पावं में !!
फूल ने उसका स्वागत किया, ले लिया अपनी बाहं में !
हमने तो चाहा दूर से, बस फूल की खुशबु लेना !
पर फूल को ये मंजूर न था, और कांटा चुभ गया पावं में !!
No comments:
Post a Comment