Shandar
------ बड़े होकर भाई-बहन ------------ कितने दूर हो जाते हैं ------------ इतने व्यस्त हैं सभी ------------ कि मिलने से भी मजबूर हो जाते हैं ------------ एक दिन भी जिनके बिना ------------ नहीं रह सकते थे हम ------------ सब ज़िन्दगी में अपनी ------------ मसरूफ हो जाते हैं ------------ रिश्ते नए ------------ ज़िन्दगी से जुड़ते चले जाते हैं ------------ और बचपन के ये रिश्ते ------------ कहीं दूर हो जाते हैं ------------ खेल-खेल में रूठना-मनाना ------------ रोज़-रोज़ की बात थी ------------ अब छोटी सी भी गलतफहमी से ------------ दिलों को दूर कर जाते हैं ------------ सब अपनी उलझनों में ------------ उलझ कर रह जाते हैं ------------ कैसे बताए उन्हें हम ------------ वो हमें कितना याद आते हैं ------------ वो जिन्हें एक पल भी ------------ हम भूल नहीं पाते हैं ------------ बड़े होकर वो भाई-बहन ------------ हमसे दूर हो जाते हैं ------
बिखर गया हूँ इतना के जुड़ा नहीं जाता हसरतेे इतनी भी ना हो के दवा न लगे ना दिल को सुकून आया ना रूह रोयी मोहब्बतें इतनी भी न हो के दुआ न लग...
Shandar
ReplyDelete------ बड़े होकर भाई-बहन ------
ReplyDelete------ कितने दूर हो जाते हैं ------
------ इतने व्यस्त हैं सभी ------
------ कि मिलने से भी मजबूर हो जाते हैं ------
------ एक दिन भी जिनके बिना ------
------ नहीं रह सकते थे हम ------
------ सब ज़िन्दगी में अपनी ------
------ मसरूफ हो जाते हैं ------
------ रिश्ते नए ------
------ ज़िन्दगी से जुड़ते चले जाते हैं ------
------ और बचपन के ये रिश्ते ------
------ कहीं दूर हो जाते हैं ------
------ खेल-खेल में रूठना-मनाना ------
------ रोज़-रोज़ की बात थी ------
------ अब छोटी सी भी गलतफहमी से ------
------ दिलों को दूर कर जाते हैं ------
------ सब अपनी उलझनों में ------
------ उलझ कर रह जाते हैं ------
------ कैसे बताए उन्हें हम ------
------ वो हमें कितना याद आते हैं ------
------ वो जिन्हें एक पल भी ------
------ हम भूल नहीं पाते हैं ------
------ बड़े होकर वो भाई-बहन ------
------ हमसे दूर हो जाते हैं ------