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बिखर गया हूँ...
बिखर गया हूँ इतना के जुड़ा नहीं जाता हसरतेे इतनी भी ना हो के दवा न लगे ना दिल को सुकून आया ना रूह रोयी मोहब्बतें इतनी भी न हो के दुआ न लग...
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भंवरा फूल पर बैठा था, रस पाने की चाह में ! फूल ने उसका स्वागत किया, ले लिया अपनी बाहं में ! हमने तो चाहा दूर से, बस फूल की खुशबु लेना ! ...
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"प्यार तो तुमसे करता हूँ पर इज़हार करूँ तो कैसे तुम्हारा दीदार तो करता हूँ पर आँखे चार करूँ तो कैसे रूप तुम्हारा सलोना हैं ऐसा की...
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ये दर्द का तूफान गुजरता क्यों नहीं दिल टूट गया है तो बिखरता क्यों नहीं एक ही शक्स को चाहता है क्यों इतना जालिम कोई दूसरा इस दिल में उतरत...
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