तेरे चेहरे की ये रोनक, किसी के दिल का अरमान थी;
तेरे होठों पैर जो आई, किसी और की मुस्कान थी;
तुने भुला दिया उसकी यादों को भी अपने दिल से;
जिसके दिल में तू कभी बन कर आई मेहमान थी....!!
तेरे होठों पैर जो आई, किसी और की मुस्कान थी;
तुने भुला दिया उसकी यादों को भी अपने दिल से;
जिसके दिल में तू कभी बन कर आई मेहमान थी....!!
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