जुबां कड़वी ही सही मगर दिल बड़ा लिए बैठेे है
नज़र की क्या कहूँ कुछ लोग इरादे बड़े लिए बैठे है
ना दिल की सुनी न सुनी कभी दिमाग की
नजरिये में क्या रखा है कुछ लोग जिंदादिली लिए बैठे है..
उलझा हुआ हूँ बहुत, मुझे आसान बना देना
वक़्त बेवक़्त साथ रहकर, मुझे जीना सीखा देना
खामियां होती है सबमें, मुझे मेरी बता देना
फ़िक्र हो या न हो तुमको, कभी तो हक़ जता देना
सिर्फ चाह लेने भर से सब कुछ यहाँ नहीं मिलता ;
चाहे लुट जाये किसी का सब कुछ आसमां नहीं हिलता ;
खिल उठता है कमल कीचड़ में रह कर भी ;
फूल कोंई गुलशन में रह कर भी नहीं खिलता !!
तुमसे मिला तो हूँ लेकिन मिलना तुमसे हो ना सका
रास्ते जुदा नहीं थे फिर भी तेरे साथ चलना हो न सका
मंजिल मिल ना सकी मुझको और तेरी मंजिल बदल गयी
जो करना चाहा हुआ नहीं और नसीब का बदलना हो ना सका !
इक अश्क हूँ तेरी आँखों का बहता हू तो बह जाने दे ....!
रोके से न रुकुंगा तेरे हर दर्द मुझे सह जाने दे ॥!
क्यों बैठी हैं गुमसुम गुमसुम गमें दिल का तूफ़ान लिए ॥!
जो बात न कह सके लब तेरे इस अश्क को कह जाने दे .!!!!
भंवरा फूल पर बैठा था, रस पाने की चाह में !
फूल ने उसका स्वागत किया, ले लिया अपनी बाहं में !
हमने तो चाहा दूर से, बस फूल की खुशबु लेना !
पर फूल को ये मंजूर न था, और कांटा चुभ गया पावं में !!
नींदों में तेरी याद आती हैं सपना बनकर
जागता हूँ तो तू नजर आती हैं अपना बनकर
सोचता हूँ बिछुड़ गए हम तो क्या होगा
इक दूजे से हुए जुदा हम तो क्या होगा
ऐसी बातें दिल को धड़काती हैं बहाना बन कर
तेरे बिना ना रह पाउँगा ऐ सनम
तेरी जुदाई ना सह पाउँगा मेरे सनम
मेरी जिन्दगी में तू आई हैं खजाना बनकर...!!!!
तेरे चेहरे की ये रोनक, किसी के दिल का अरमान थी;
तेरे होठों पैर जो आई, किसी और की मुस्कान थी;
तुने भुला दिया उसकी यादों को भी अपने दिल से;
जिसके दिल में तू कभी बन कर आई मेहमान थी....!!
जब उसकी धुन में जिए जा रहे थे
हम भी चुप-चाप रहा करते थे
आँखों में प्यास हुआ करती थी
दिल में तूफान उठा करते थे
लोग आते थे ग़ज़ल सुनने को
हम उसकी बात किया करते थे
ये दर्द का तूफान गुजरता क्यों नहीं
दिल टूट गया है तो बिखरता क्यों नहीं
एक ही शक्स को चाहता है क्यों इतना
जालिम कोई दूसरा इस दिल में उतरता क्यों नहीं...
मान जायें हम मनाओ तुम अगर... आ भी जाए हम बुलाओ तुम अगर..! आ गये जब हम वफ़ा की बात क्या.. जाँ लुटा दें आजमाओ तुम अगर...! यूँ तो हैं कागजे-दिल भीगा हुआ... जल उठे शायद ज़लाओ तुम अगर..!!